आपदा में अवसर ढूंढ़ती पंजाब सरकार Opinions by Satyam Tiwari - June 4, 2021June 5, 2021 प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए नारे “आपदा में अवसर” को पंजाब सरकार कुछ अलग तरीके से अमल में ला रही है। पंजाब से आ रही खबरों की माने तो राज्य की कांग्रेस सरकार कोविड के टीकों को ऊँचे दामों पर निजी अस्पतालों को बेच रही है। चंडीगढ़ में प्रेस को सम्बोधित करते हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि राज्य के सरकारी केंद्रों में टीका उपलब्ध नहीं है। आम लोगों को टीका लगाने के बदले सरकार निजी अस्पतालों को टीका बेच रही है। एस.ए.डी. प्रमुख बादल ने यह भी दावा किया कि कैप्टन सरकार केंद्र से तो 400 रुपय में टीके ले रही है लेकिन निजी अस्पतालों को वही टीके 1060 रुपय में बेच रही है। स.ए.डी. प्रमुख बादल ने कहा कि निजी अस्पताल लोगों से प्रत्येक खुराक के लिए 1,560 रुपए ले रहे है। वैक्सीन को गलत तरीके से निजी अस्पतालों में बेचने को लेकर बादल ने पुरे मामले की जांच पंजाब उच्च न्यायालय से करवाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ मोहाली में ही एक दिन में 35,000 खुराक निजी संस्थाओं को बेची गई। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बादल ने राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए कहा, “क्या राहुल गाँधी इस बात का समर्थन करते हैं कि कांग्रेस सरकार लोगों को टीके की एक खुराक पर 1,560 रुपए खर्च करने को मजबूर कर रही है।” केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, अनुराग ठाकुर ने भी पंजाब की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथो लिया। वैक्सीन की बर्बादी और कालाबाज़ारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार बहुत ही मज़बूती के साथ कोरोना महामारी से लड़ रही है, लेकिन कांग्रेस की राज्य सरकारें टीकाकरण अभियान को धीमा करने का भरपूर प्रयास कर रही है। अनुराग ठाकुर ने राहुल गाँधी के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि वह वैक्सीन की कमी को लेकर झूठे घरियाली आंसू बहाते है और केंद्र सरकार को नसीहत देते है। उधर उन्ही की राज्य सरकारें ढंग का प्रबंधन नहीं कर पा रही है और इस पर पर्दा डालने के लिए वह केंद्र सरकार को बदनाम करते है। वैक्सीन की कालाबाज़ारी को लेकर पंजाब सरकार तथा वैक्सीन को गड्ढे में फेकने और बर्बाद करने को लेकर राजस्थान सरकार, अनुराग ठाकुर ने विपक्ष को घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ी। आपको बताते चलें कि कुछ दिनों पहले दैनिक भास्कर की रिपोर्ट आयी थी कि राजस्थान में 500 से ज्यादा वायल कचरे के डब्बो में मिली, इनमे से 130 वायल पूरी और 100 आधी भरी हुई थी। दैनिक भास्कर ने यह भी दावा किया है कि कचरे में पड़ी इन वायल से 2500 लोगों का टीकाकरण हो सकता था। आर्टिकल पढें: नहीं संभल रहा राजस्थान फिर भी दे रहे हैं ज्ञान आपदा में ऐसे अवसर ढूंढना जिससे आम जन को परेशानी हो, यह सही नहीं है। निजी अस्पतालों को वैक्सीन देने से पहले कैप्टन सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए की राज्य के सरकारी केंद्रों में वैक्सीन की कमी ना हो। पंजाब सरकार को यह समझना चाहिए कि एक आम इंसान का इतने ऊँचे दरों पर वैक्सीन लगवा पाना बहुत मुश्किल है। अगर यह भी मान लिया जाए कि एक परिवार में सिर्फ 4 लोग रह रहे हैं तब भी सब को 2 डोज़ लगवाने के लिए एक आम इंसान को 12,480 रूपए खर्च करने पड़।