किसान आंदोलन आरंभ से ही राजनीति का अड्डा बना रहा है और हर राजनैतिक पार्टियों ने समय-समय पर इसका भरपूर लाभ उठाने की भी कोशिश की है। जहां भाजपा के लिए यह आंदोलन किसी सर दर्द से कम नहीं, वहीं आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल किसान आंदोलन को एक बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का भरपूर प्रयास कर रहीं है। आप को बताते चले कि 2022 में पंजाब विधान सभा चुनाव है और इसीलिए सभी पार्टियां, किसानो को अपनी तरफ करने में लगी हुई है।
किसानों को अपनी ओर करने के लिए आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल शुरुआत से ही उनकी मदद कर रहीं है। जब किसानों का जत्था पंजाब से दिल्ली आ रहा था, तब उन्हें कैप्टन सरकार की सहायता मिली। दिल्ली आने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने उन्हें बिजली, पानी, खाने, रहने और मुफ़्त इंटरनेट की सुविधा मुहैया करवाई। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष व शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा भी किसान आंदोलन के समर्थन में हमेशा से ही खड़े रहे है और उन्होंने आंदोलन के स्थान पर लंगर भी चलवाए।
चुनाव करीब आते देख शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एक और दांव खेल दिया है। ट्विटर के माध्यम से सुखबीर बादल ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें वह कह रहे हैं कि, “किसान आंदोलन में अब तक करीब 550 लोगों ने अपनी जान गवां दी है। “किसान आंदोलन में अब तक करीब 550 लोगों ने अपनी जान गवा दी है। अगर पंजाब में अकाली दल और बसपा की सरकार बनती है तो शहीद हुए किसानों के परिवार में से किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी।”
वीडियो में उन्होंने यह भी कहा कि शहीद किसान के बच्चों और उनके पोतों (बच्चों के बच्चे) की पोस्ट ग्रेजुएशन की पढाई का सारा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी तथा उनके पूरे परिवार का स्वास्थ बीमा भी करवाया जाएगा। आपको बता दे कि 2022 में होने वाले पंजाब विधान सभा चुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल ने बसपा के साथ गठबंधन कर लिया है। 117 सीटों की विधान सभा में बसपा अपने 20 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारेगी, वहीं बची हुई सीटों पर अकाली दल अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।