धनबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मृत्यु 28 जुलाई को सड़क दुर्घटना में हुई थी। इस दुर्घटना की सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) इंटरनेट पर वायरल हो गयी थी। जिस तरह से न्यायाधीश उत्तम आनंद का एक्सीडेंट हुआ, वह देख कर ऐसा लग रहा था मानो किसी ने जान बूझकर इस दुर्घटना को अंजाम दिया हो।
वायरल वीडियो में यह देखा गया कि उत्तम आनंद जब सड़क किनारे दौड़ रहे थे तभी एक ऑटो-रिक्शा अचानक से उनकी तरफ मुड़ा और उन्हें पीछे से ठोक कर आगे बढ़ गया। इस दुर्घटना के कारण उत्तम आनंद की तत्काल मृत्यु हो गयी। जब उनकी मृत्यु हुई थी तब वह एक बहुत ही संवेदनशील मामले की सुनवाई कर रहे थे, इससे कुछ 2 दिन पहले ही उन्होंने एक शूटर की जमानत याचिका खारिज भी की थी। इस कारण सड़क हादसे को राजनैतिक चश्मे से देखा जाने लगा था।
मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करने के लिए कहा और 3 अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने की भी मांग की। आपको बताए चले कि 30 जुलाई को उच्च न्यायलय ने भी इस मामले का संज्ञान लिया था।
हालांकि अब झारखंड हाई कोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया है सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह कहा कि सीबीआई जल्द-से-जल्द अपनी जांच शुरू करे ताकि किसी भी सबूत के साथ छेड़-छाड़ ना हो। कोर्ट ने राज्य सरकार को केस से सम्बंधित सभी दस्तावेज़ सीबीआई को सौपने को कहा। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने झारखंड पुलिस को सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख़्ता करने के लिए भी कहा।
आपको बताते चले की झारखण्ड पुलिस ने इस मामले के 2 मुख्य-आरोपियों(लखन कुमार वर्मा और राहुल वर्मा) को गिरफ़्तार कर लिया है। घटना को अंजाम देने के लिए जिस ऑटो-रिक्शा का इस्तेमाल किया गया था, उसे भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।
धनबाद एसएसपी, संजीव कुमार ने बताया कि पुलिस को नार्को समेत 4 टेस्ट करने की अनुमति मिली है, और यह सभी टेस्ट गुजरात एफएसएल (Gujarat Forensic Science Laboratory) में किये जाएंगे। संजीव कुमार ने यह भी बताया कि जब तक सीबीआई इस मामले का संज्ञान नहीं लेती, तब तक झारखंड पुलिस अपनी जांच-पड़ताल ज़ारी रखेगी।