त्रिपुरा हाई कोर्ट ने हिंसा के मामलों पर पुलिस से मांगी रिपोर्ट, फेक न्यूज़ के खिलाफ एक्शन लेने को भी कहा। India by Parakram News - October 30, 2021October 31, 2021 26 अक्टूबर को त्रिपुरा में हुई तथाकथित हिंसक रैली का स्वतः संज्ञान लेते हुए त्रिपुरा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 10 नवंबर तक एफिडेविट जारी करने के लिए कहा है। इस एफिडेविट के तहत राज्य सरकार को ‘सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने या हिंसा को अंजाम देने की साजिश को नाकाम करने के लिए’ उठाये गए कदम के बारे में स्पष्ट रूप से बताना होगा। आपको बता दे कि बांग्लादेश में नवरात्री के दौरान हुए सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने रैली की थी। इस रैली के दौरान त्रिपरा के कुछ जगहों से हिंसा की खबर आई थी। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया त्रिपुरा में हुई तथाकथित हिंसा की फोटोज़ और वीडियोज़ को शेयर करते हुए यह बताया था कि कुछ हिंदू संगठनों ने मस्जिद में तोड़-फोड़ व आगजनी की है। यह वीडियोज़ इतनी वायरल हो गई थी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वायनाड से एमपी राहुल गांधी ने तक त्रिपुरा हिंसा के बारे में ट्वीट किया था। राहुल ने लिखा था कि’ ‘त्रिपुरा में हमारे मुसलमान भाइयों पर क्रूरता हो रही है। हिंदू के नाम पर नफ़रत व हिंसा करने वाले हिंदू नहीं, ढोंगी हैं। सरकार कब तक अंधी-बहरी होने का नाटक करती रहेगी?’ Tripura Police appeals to all not to spread rumours.Below are photographs of masjid in Panisagar. It is evident that masjid is safe and secure. pic.twitter.com/kp1oCEBa8T— Tripura Police (@Tripura_Police) October 28, 2021 सोशल मीडिया पर शेयर की गगई काफी फोटोज़ और वीडियोज़ फेक थी, जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने लोगों से किसी भी तरह के पोस्ट को बिना जांचे-परखे शेयर करने से मना किया था। आपको बता दे कि ट्विटर पर कुछ लोगों ने त्रिपुरा के पानीसागर मस्जिद की फोटो शेयर की थी, लोगों का कहना था की इस मस्जिद को जला दिया गया है। इसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने मस्जिद की असल फोटो को शेयर करते हुए कहा कि किसी तरह की कोई अफवाह ना फैलाए, मस्जिद बिलकुल सुरक्षित है। अब हाई कोर्ट ने त्रिपुरा हिंसा व फेक न्यूज़ मामले में सख्ती दिखाई है। Tripura situation: I have checked up with DGP VS Yadav, my former colleague. He is categorical that NO mosque has been burnt. Situation under control. If anybody spreads baseless rumors to promote enmity between communities, they shall be booked under S.505(2) IPC. Be warned!— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) October 29, 2021 केरल के पूर्व डीजीपी एन.सी. अस्थाना ने त्रिपुरा की परिस्थिति पर ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘मैंने अपने पूर्व सहयोगी डीजीपी वीएस यादव से बात की है। वह स्पष्ट है कि कोई मस्जिद नहीं जलाई गई है। स्थिति नियंत्रण में है। यदि कोई समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए आधारहीन अफवाहें फैलाता है, तो उस पर धारा 505 (2) आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। आगाह रहो!’ अब त्रिपुरा हाई कोर्ट ने भी हिंसा व फेक न्यूज़ मामले में सख्ती दिखाई है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति सुभाशीष की खंडपीठ ने मामले की स्वतः जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान त्रिपुरा के डीजीपी व आठों जिलें के एसपी से हिंसा की रिपोर्ट मांगी है। खंडपीठ ने फेक न्यूज़ फैलाने वालों पर भी एक्शन लेने को कहा है। त्रिपुरा हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, ‘यह अदालत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जिम्मेदारी से काम करने का आह्वान करती है। मीडिया को सत्य प्रकाशित करने का पूरा अधिकार है लेकिन इसका प्रयोग असत्य और सांप्रदायिक जुनून फैलाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’