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त्रिपुरा हाई कोर्ट ने हिंसा के मामलों पर पुलिस से मांगी रिपोर्ट, फेक न्यूज़ के खिलाफ एक्शन लेने को भी कहा।

26 अक्टूबर को त्रिपुरा में हुई तथाकथित हिंसक रैली का स्वतः संज्ञान लेते हुए त्रिपुरा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 10 नवंबर तक एफिडेविट जारी करने के लिए कहा है। इस एफिडेविट के तहत राज्य सरकार को ‘सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने या हिंसा को अंजाम देने की साजिश को नाकाम करने के लिए’ उठाये गए कदम के बारे में स्पष्ट रूप से बताना होगा।

आपको बता दे कि बांग्लादेश में नवरात्री के दौरान हुए सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने रैली की थी। इस रैली के दौरान त्रिपरा के कुछ जगहों से हिंसा की खबर आई थी। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया त्रिपुरा में हुई तथाकथित हिंसा की फोटोज़ और वीडियोज़ को शेयर करते हुए यह बताया था कि कुछ हिंदू संगठनों ने मस्जिद में तोड़-फोड़ व आगजनी की है। यह वीडियोज़ इतनी वायरल हो गई थी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वायनाड से एमपी राहुल गांधी ने तक त्रिपुरा हिंसा के बारे में ट्वीट किया था। राहुल ने लिखा था कि’ ‘त्रिपुरा में हमारे मुसलमान भाइयों पर क्रूरता हो रही है। हिंदू के नाम पर नफ़रत व हिंसा करने वाले हिंदू नहीं, ढोंगी हैं। सरकार कब तक अंधी-बहरी होने का नाटक करती रहेगी?’

सोशल मीडिया पर शेयर की गगई काफी फोटोज़ और वीडियोज़ फेक थी, जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने लोगों से किसी भी तरह के पोस्ट को बिना जांचे-परखे शेयर करने से मना किया था। आपको बता दे कि ट्विटर पर कुछ लोगों ने त्रिपुरा के पानीसागर मस्जिद की फोटो शेयर की थी, लोगों का कहना था की इस मस्जिद को जला दिया गया है। इसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने मस्जिद की असल फोटो को शेयर करते हुए कहा कि किसी तरह की कोई अफवाह ना फैलाए, मस्जिद बिलकुल सुरक्षित है। अब हाई कोर्ट ने त्रिपुरा हिंसा व फेक न्यूज़ मामले में सख्ती दिखाई है।

केरल के पूर्व डीजीपी एन.सी. अस्थाना ने त्रिपुरा की परिस्थिति पर ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘मैंने अपने पूर्व सहयोगी डीजीपी वीएस यादव से बात की है। वह स्पष्ट है कि कोई मस्जिद नहीं जलाई गई है। स्थिति नियंत्रण में है। यदि कोई समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए आधारहीन अफवाहें फैलाता है, तो उस पर धारा 505 (2) आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। आगाह रहो!’

अब त्रिपुरा हाई कोर्ट ने भी हिंसा व फेक न्यूज़ मामले में सख्ती दिखाई है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति सुभाशीष की खंडपीठ ने मामले की स्वतः जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान त्रिपुरा के डीजीपी व आठों जिलें के एसपी से हिंसा की रिपोर्ट मांगी है। खंडपीठ ने फेक न्यूज़ फैलाने वालों पर भी एक्शन लेने को कहा है।

त्रिपुरा हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, ‘यह अदालत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जिम्मेदारी से काम करने का आह्वान करती है। मीडिया को सत्य प्रकाशित करने का पूरा अधिकार है लेकिन इसका प्रयोग असत्य और सांप्रदायिक जुनून फैलाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’

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