पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। नवरात्री के दौरान जिस प्रकार की हिंसा का सामना बांग्लादेशी हिंदुओं को करना पड़ा था वह अब किसी से छुपा नहीं है। बांग्लादेश में नवरात्री से शुरू हुआ हिंसा का दौर अब तक खतम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। दिवाली से पहले बांग्लादेश के कुछ कट्टरपंथियों ने 5 मंदिरों में घुस कर तोड़-फोड़ की है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार जिन मंदिरों में घुस कर तोड़-फोड़ की गयीं है, उनमे से 3 भाबनीपुर में व 2 शरीवाला में स्थित है। आपको यह भी बता दे कि नवरात्री से पहले बांग्लादेश में कुछ ऐसी ही घटनायें देखने को मिली थी। उस वक्त भी उग्रवादी भीड़ ने मंदिरों के अंदर घुसकर तोड़-फोड़ किया था। 1 हफ्ते तक चले इस दंगे में 2 पुजारियों की हत्या, हिंदू बच्ची का बलात्कार व घरों और दुकानों में आग लगा देने की खबरें आई थी।
मंदिरों पर हमला होना पाकिस्तान में अब आम बात हो गई है, और हिन्दू त्यौहारों से पहले ऐसी घटनाएं और भी बढ़ जाती है। हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में कुछ कट्टरपंथियों ने शिव मंदिर के अंदर घुस कर मूर्तियां तोड़ दी व पैसे और भगवन श्री राम के ऊपर चढ़ाई गई सोने की चैन चुरा ले गए। सिंध पाकिस्तान का एकलौता ऐसा प्रांत है जहां हिंदुओं की जनसंख्या ठीक-ठाक है, इसके बाद भी उन्हें अपने धर्म के अनुसार जीने की आज़ादी नहीं है।
पाकिस्तान में हमेसा से ही हिंदुओं पर अत्याचार किया जाता रहा है। हिन्दू लड़कियों के बलात्कार से लेकर धर्म परिवर्तन की खबरे आये दिन पाकिस्तान से आती रहती है। अब बांग्लादेश के कट्टरपंथी भी हिंदू घृणा में पाकिस्तान के दिखाए रास्ते पर चल पड़े है।
आपके लिए यह जानना जरुरी है कि बांग्लादेश में 1951 में गैर-मुस्लिमों की तादाद 23.2% थी जो 2011 में कम होकर सिर्फ 9.6% रह गई है।