कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने अपनी किताब सनराइज ओवर अयोध्या (Sunrise Over Ayodhya) में हिंदुत्व की तुलना खतरनाक आतंकवादी संगठन ISIS (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) व Boko Haram से की है।
सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब के छठे अध्याय (6th Chapter) , द सैफरन स्काई (The Saffron Sky) में लिखा है कि, ‘साधू-संतों के लिए प्रख्यात सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) को हिंदुत्व (Hindutva) के मजबूत संस्करण द्वारा एक तरफ धकेला जा रहा है। हिंदुत्व एक राजनैतिक विचारधारा है जो हर तरह से ISIS और Boko Haram जैसी ही है।’
अंग्रेजी में एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है, ‘Any publicity is good publicity’ अर्थात प्रचार चाहे साकारात्मक हो या नकारात्मक, अच्छा ही होता है। 10 नवंबर को हुए इस किताब (Sunrise Over Ayodhya) के विमोचन के बाद से ही यह लगातार सुर्खियों (नकारात्मक) में है। हिंदुत्व की तुलना आतंकवादी संगठनों से किये जाने पर इस किताब की जमकर आलोचना हो रही है।
इन आलोचनाओं से एक चीज तो साफ़ है कि सलमान खुर्शीद द्वारा लिखी गई किताब की बिक्री (sale) बढ़ने वाली है लेकिन उत्तर प्रदेश के चुनावों पर इसका असर देखने को मिल सकता है। 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव में अगर इस किताब ‘Sunrise Over Ayodhya’ का जिक्र हो तो हैरान मत होइयेगा।
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर होगा असर
भारतीय राजनीति से लेकर आस्था तक, राम जन्मभूमि हमेसा से ही एक अहम मुद्दा रहा है। 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जहां एक तरफ बड़े-बड़े नेता मंदिरों के दर्शन कर अपने आप को सबसे बड़ा हिन्दू बताने में लगे हुए है, वहीं दूसरी तरफ सलमान खुर्शीद की ये बुक कांग्रेस के लिए स्वयं के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है।
प्रियंका गांधी कभी अपने नवरात्री व्रत के बारे में बताकर तो कभी मंदिर दर्शन कर के उत्तर प्रदेश के हिंदुओं का दिल जीतने में लगी हुई है। ऐसे में कांग्रेस के नेताओं को राम मंदिर जैसा मुद्दा उठाने से बचना चाहिए था। इससे नुक्सान कांग्रेस का ही होगा। कांग्रेस पार्टी भले ही हिंदुत्व को सिर्फ एक राजनैतिक विचारधारा मानती हो लेकिन देश में बहुत बड़ी आबादी ऐसी भी है जो दोनों को एक ही मानती है। ऐसे में हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठनों से करना मतलब खुद के वोट काटना है।
बेबाक बोल या बिगड़े बोल?
किताब के प्रचार-प्रसार के दौरान भी कुछ ऐसे बयान दिए गए जो आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बनेंगे।
Sunrise Over Ayodhya के विमोचन (launch) के दौरान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लाल कृष्ण आडवाणी के ऊपर इल्जामों की बौछार लगा दी थी। उन्होंने कहा कि , ‘1984 में भारतीय राजनीति में फेल होने के बाद अडवाणी जी ने राम जन्मभूमि विवाद को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया। वह जहां भी गए नफरत के बीज बोते हुए गए और उन्होंने लोगों को धार्मिक कट्टरवाद के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर किया।’
विमोचन के दौरान पी. चिदंबरम ने कहा कि अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय का फैसला सही है क्योंकि दोनों पक्षों ने इसे स्वीकार किया है। चिदंबरम ने कहा, ‘इस फैसले का कानूनी आधार बहुत संकीर्ण है। बहुत पतली सी रेखा है। लेकिन समय बीतने के साथ ही, दोनों पक्षों ने इसे स्वीकार किया। दोनों पक्षों ने स्वीकार किया, इसलिए यह सही फैसला है। ऐसा नहीं है कि यह सही फैसला था, इसलिए दोनों पक्षों ने स्वीकार किया।’
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में काफी कम समय रह गया है और ऐसे में इस किताब ने 2 समुदायों के ज़ख्मों को कुरेदने का काम किया है। जहां हिंदुओं के लिए यह किताब वर्षों के त्याग, बलिदान, समर्पण व संघर्ष की याद ताज़ा करा रही है। वहीं एक वर्ग ऐसा भी जो बाबरी के विध्वंस को इस किताब के ज़रिये याद करेगा।