बंगाल विधान सभा (West Bengal Assembly) ने केंद्र सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव (resolution) पारित किया है। इस कड़ी में पंजाब के बाद बंगाल दूसरा ऐसा राज्य बन गया है जहां केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तरफ से इस प्रस्ताव को संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधानसभा में पेश किया। प्रस्ताव पेश करते हुए पार्थ चटर्जी ने कहा कि यह फैसला राज्य के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप करेगा। अपने प्रस्ताव में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पुराने आदेश को बहाल करने की मांग की।
आप को बता दें कि पहले BSF का अधिकार क्षेत्र सिर्फ 15KM तक ही हुआ करता था जिसे अब बढ़ाकर 50KM तक कर दिया गया है। केंद्र के इसी फैसले का पंजाब व बंगाल की राज्य सरकारें विरोध कर रहीं है।
पक्ष व विपक्ष में कितने वोट पड़े
लगभग डेढ़ घंटे तक चली इस चर्चा के बाद जब वोटिंग हुई तब प्रस्ताव के पछ में 112 वोट पड़े, वहीं 63 वोट प्रस्ताव के विरूद्ध पड़े।
सुवेंदु अधिकारी ने क्या कहा?
चर्चा के दौरान विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने भरोसा दिलाया कि केंद्र के इस फैसले का राज्य पुलिस के काम-काज पर कोई असर नहीं पडे़गा। अधिकारी ने यह भी कहा कि बीएसएफ (BSF) का अधिकार क्षेत्र केवल 50 KM नहीं बल्कि 80 KM तक बढ़ाया जाना चाहिए।
ANI से हुई बातचीत के दौरान सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल विधानसभा में जब इस प्रस्ताव के खिलाफ चर्चा हो रही थी तब TMC के वरिष्ठ विधायकों और मंत्रियों ने BSF के खिलाफ गालियां दि, जो शर्मनाक है।
इसके बाद अधिकारी ने कहा कि, ‘बीएसएफ बॉर्डर पर सुरक्षा रखती है और देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान देती है। जब चर्चा हो रही थी तब मैं सोच रहा था कि ये भारत के प्रदेश में हो रहा है या पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हो रहा है।’