तमिलनाडु में हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंचाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में फिर एक बार हिन्दू मंदिर को निशाना बनाया गया है।
तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में श्री कनक कालीश्वरर मंदिर (Sri Kanaka Kalisvarar Temple) को स्टालिन सरकार द्वारा ध्वस्त (destroy) करवा दिया गया है। कांची कामाकी (Kanchi Kamaki) के आस-पास 108 भव्य शिव मंदिर है, श्री कनक कालीश्वरर मंदिर भी उन्हीं में से एक था।
श्री कनक कालीश्वरर मंदिर (Sri Kanaka Kaleeswarar Temple) में भगवान शिव के आलावा माता पार्वती, भगवान गणेश व कार्तिकेय की भी मूर्तियां थी। यह मंदिर बिलकुल शिवलिंग के आकार का था।
कांचीपुरम के स्थायी लोगों ने मंदिर के तोड़े जाने का काफी विरोध किया लेकिन पुलिस बल के सामने उनकी एक ना चली। तमिलनाडु सरकार ने पुलिस बल का प्रयोग करके आस-पास के लोगों को मंदिरों से बहार निकला और उसके बाद मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। मंदिर को बचाने के लिए कुछ महिलाए मंदिर के अंदर बैठ गयी थी जिन्हें तमिलनाडु पुलिस ने जबदरस्ती बाहर निकाला। मंदिर से बाहर निकाले जाते वक्त महिलाए रोने लगी थी।
अंत में जब कोई चारा ना बचा तो विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस से मूर्तियों को बहार निकालने के लिए समय मांगा लेकिन उनकी यह बात भी अनसुनी कर दी गयी। इससे पहले जुलाई में भी स्टालिन सरकार ने हिंदुओं के 9 मंदिरों को ध्वस्त करवा दिया था, जिसके कारण उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ा था लेकिन उसका कोई फायदा ना हुआ।
तमिलनाडु सरकार की तरफ से बतया गया है कि जल निकाय पर अवैध रूप से कब्जा करने के कारण इस मंदिर को तोड़ा गया है (Encroachment on Waterbodies)। इससे पहले जुलाई में भी 9 मंदिरों को तोड़ते वक्त यही कारण दिया गया था।