ईश – निंदा (Blasphemy) के तथाकथित आरोप के कारण पाकिस्तान के चारसद्दा (Charsadda) जिले में इस्लामी कट्टरपंथियों ने पुलिस थाने को आग के हवाले कर दिया।
पकिस्तान में ईश – निंदा (Blasphemy) के नाम पर अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा है। कल एक बार फिर ऐसी ही घटना खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) के चारसद्दा (Charsadda) जिले में देखने को मिली।
चारसद्दा पुलिस ने एक आरोपी को तथाकथित ईश – निंदा (Blasphemy) के जुर्म में गिरफ्तार किया था। जब स्थायी कट्टरपंथियों को इस बात का पता लगा तो उन लोगों ने मंदानी पुलिस थाने (Mandani Police Station) को घेर लिया और पुलिस से तथाकथित ईश – निंदा के आरोपी को भीड़ को सौंप देने को कहा। जब पुलिस ने कट्टरपंथियों की बात ना मानी तो उन लोगों ने पुलिस थाने में ही आग लगा दी।
पाकिस्तानी पुलिस अधिकारियों ने इस घटना की आधिकारिक पुष्टि भी कर दी है। पुलिस ने बताया कि करीब 4,000-5,000 लोगों ने मंदानी पुलिस थाने (Mandani Police Station) का घेराव कर तोड़-फोड़ किया था। हालांकि, आरोपी को बचा कर पुलिस ने उसे सुरक्षित स्थान पंहुचा दिया है।
पुलिस थाने को जलाने के बाद कट्टरपंथियों ने हरिचंद रोड पर चक्का जाम कर दिया था, लेकिन पुलिस ने कुछ स्थायी नेताओं और मौलानाओं की मदद से रोड को खाली करवा लिया।
पाकिस्तान के प्रमुख मीडिया पोर्टल डॉन (Dawn) से बातचीत के दौरान खैबर पख्तूनख्वा के कानून मंत्री फज़ल शकूर खान (Fazal Shakoor Khan) ने बताया कि रविवार को पुलिस ने एक व्यक्ति को ईश – निंदा (Blasphemy) के जुर्म में गिरफ्तार कर मंदानी पुलिस थाने में लाया गया था। कुछ उग्रवादियों ने पुलिस से आरोपी को भीड़ को सौंपने को कहा था। जा पुलिस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया तब उग्रवादियों ने पुलिस थाने में आग लगा दी।
हालांकि कानून मंत्री ने अंत में कहा कि आरोपी को सुरक्षित स्थान पंहुचा दिया गया है व उनकी सरकार किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाज़त नहीं देगी।