पिछले कुछ वक्त से राहुल गांधी अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में बने हुए है। अब से कुछ दिनों पहले तक राहुल गांधी अपने विवेक के अनुसार ‘हिंदू’ और ‘हिंदुत्व’ में अंतर समझा रहे थे। और आज उन्होंने मॉब लिंचिंग को लेकर ट्विटर के माध्यम से अपनी बात लोगों के समक्ष रखी है।
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था।’ इस ट्वीट को राहुल गांधी ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में लिखा है।
लोग याद दिला रहे 1984 सिख नरसंहार
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का यह ट्वीट भाजपा नेताओं व कुछ आम लोगों को बिलकुल भी रास नहीं आया। भाजपा आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने राहुल गांधी को उनके पिता राजीव गांधी का एक वीडियो शेयर किया। इसमें राजीव गांधी यह कहते दिखाई दे रहे है कि ‘जब इंदिरा जी की हत्या हुई थी, तो हमारे देश में कुछ दंगे-फसाद हुए थे। हमें मालूम है कि भारत की जनता को कितना क्रोध आया, कितना ग़ुस्सा आया और कुछ दिन के लिए लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है। जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है।’
यह वक्तव्य राजीव गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों को लेकर दिया था। दिल्ली बोट क्लब में दिए गए इस भाषण के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एक बार भी सिखों के नरसंहार का जिक्र तक नहीं किया था। उनके इस बयान से ऐसा लग रहा था मानों वह नरसंहार को जायज़ ठहराने की कोशिश कर रहे हो।
ट्विटर यूजर Befitting Facts ने फिल्म निर्माता महेश भट्ट के एक पुराने ट्वीट का स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए लिखा कि ‘आपने 2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द नहीं सुना था क्योंकि आप हमेशा ‘पार्टी मोड’ में थे। यहाँ आपके मित्र का एक ट्वीट है, पढ़ें और आनंद लें।’
राहुल गांधी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पक्षिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से 1984 सिख नरसंहार, 1990 कश्मीरी हिंदू नरसंहार और पालघर साधू लिंचिंग को लेकर राहुल गांधी से कुछ तीखे सवाल पूछे है। उन्होंने अंत में यह भी लिखा कि ‘अक्ल पर सर्दी के कारण कोहरा छा गया है राहुल जी?’