कोरोना संक्रमण का कोई संघीय समाधान नहीं, इसे राज्य स्तर पर हल किया जाना चाहिए- यह कहने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden गए छुट्टी मनाने। सोचिये अगर यही बात मोदी ने कही होती तो? Opinions by Satyam Tiwari - December 29, 2021December 29, 2021 अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक कायराना बयान दिया है। इस बयान में उन्होंने अपने देश के राज्यपालों से कहा कि ‘कोरोना संक्रमण का कोई संघीय समाधान नहीं है व इसे राज्य स्तर पर हल किया जाना चाहिए।’ यह कहने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति अपने Delaware Beach House में छुट्टियां मनाने चले गए। अनुमान है कि बाइडन अगले 1 हफ्ते तक वहीं रहेंगे। सोचिए अगर यही बात हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने कही होती? क्या होता अगर मोदी यह कहते कि ‘मैं छुट्टियां मनाने अपने घर गुजरात जा रहा हूं अतः राज्य सरकारें कोरोना से बचाव के लिए खुद रास्ता ढूंढ ले।’ हालांकि वह अगर ऐसा कह भी देते तो इसमें कुछ गलत ना होता क्योंकि स्वास्थ्य राज्य का विषय होता है। यह काम राज्य सरकारों का है कि वह अपने राज्य में स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं की अच्छी व्यवस्था करें और अगर उसमें कुछ कमी हो तो उसका समाधान करें, लेकिन मोदी ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कोरोना की मुश्किल घड़ी में जिस तरीके से राज्य सरकारों की मदद की उससे यह साबित हो जाता है कि वह कितने कर्तव्यनिष्ठ प्रधानमंत्री है। NOW – Biden departs to Delaware beach house after telling governors there is "no federal solution" on COVID and it should be "solved at the state level."pic.twitter.com/Ux9RtPmb8m— Disclose.tv (@disclosetv) December 27, 2021 मुझे पता है कि यह सोचने भर में ही कि ‘मोदी राज्य सरकारों पर जिम्मेदारी सौंप कर छुट्टी मनाने जा रहे है’ आपकी रूह कांप गई होगी। अगर मोदी गलती से भी ऐसा कुछ कह देते तो देश-विदेश में उनके खिलाफ नारे लगने शुरू हो गए होते। 10 जनपद के टुकड़ों पर पलने वाले वामपंथी मीडिया पत्रकार बिना एक पल गंवाए लंबे-लंबे ऑपिनियन पोस्ट लिखते और लोगों को बरगलाते। इसके अलावा उनको देश-विरोधी, देशद्रोही, आज तक का सबसे बुरा प्रधानमंत्री और न जाने क्या-क्या कहना शुरू कर दिया गया होता। आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि इतनी बड़ी बात कह देने के बाद भी काफी अमेरिकी पत्रकारों और मीडिया हाउस ने अमेरिकी राष्ट्रपति को कुछ भी नहीं कहा। लेकिन यही अमेरिकी मीडिया हाउस अगर मोदी को बिना मास्क के भी देख लेता है तो ऐसे रोता है कि मानो प्रलय आ गया हो। बड़ी बात तो यह है कि मीडिया द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की गलतियों को इतना छिपाने के बाद भी उनकी अप्रूवल रेटिंग कम होती जा रही है। वहीं इसके विपरीत वामपंथी पत्रकारों द्वारा निरंतर किए जा रहे दुष्प्रचार के बाद भी मोदी की लोकप्रियता का ना घटना इस बात का प्रतीक है कि जमीनी स्तर पर लोग आज भी उन्हें काफी पसंद करते हैं। यह बात भले ही कुछ लोगों को हजम ना हो लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरीके से कोरोना काल में भारत का मार्गदर्शन किया, वह प्रशंसा योग्य है। लॉकडाउन से लेकर टीकाकरण तक मोदी ने हर वह निर्णय लिया जो भारत के हित में था। जहां एक तरफ कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सुपर पावर देश का राष्ट्रपति रण का मैदान छोड़कर भाग रहा है, वहीं थर्ड वर्ल्ड कंट्री का प्रधानमंत्री इतनी मुश्किलों के बाद भी एक अभेद किले की तरह जंग के मैदान में डटा हुआ है। निसंदेह हमें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है। Support Parakram News