Delhi’s AAP government reverts to old Excise Policy for 6 months: उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) द्वारा नई आबकारी नीति को लेकर CBI जांच के आदेश देने के कुछ दिन बाद ही केजरीवाल सरकार बैकफुट पर आ गई है। आम आदमी पार्टी की सरकार पर टेंडर प्रक्रिया में घोटाला करने के आरोप लग रहे थे, जिसके बाद एलजी ने CBI से नई एक्साइज पॉलिसी के तहत पास किए गए टेंडर की जांच करने को कहा था।
नई आबकारी नीति के तहत, केजरीवाल सरकार ने ई-टेंडर के माध्यम से 32 जोन्स में 849 दुकानों के लिए रिटेल लाइसेंस जारी किए थे। जहां एक तरफ भाजपा का कहना है कि CBI के डर से नई आबकारी नीति को 6 महीने के लिए रोका गया है, वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि 2022-23 के लिए नई नीति को कारगर बनाने पर काम चल रहा है इसलिए 6 महीने की अवधि बढ़ाई गई है।
आपको बता दें कि 2022-23 की आबकारी नीति का मसौदा अभी तक लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना की मंजूरी के लिए भी भेजा जाना बाकी है। इसके अलावा 2021-22 की आबकारी नीति को भी इस वर्ष 31 मार्च के बाद दो बार बढ़ाया जा चुका है और यह अवधि 31 जुलाई को समाप्त हो जाएगी।