हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बहुत बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व G23 के सदस्य आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने कांग्रेस संचालन समिति के अध्यक्ष (Chairman of the Steering Committee of Congress) पद से इस्तीफा (resignation) दे दिया है। आनंद शर्मा का कहना है कि उन्हें बहिष्कृत वह अपमानित किया जा रहा था और अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए उन्होंने ऐसा निर्णय लिया है।
क्या है पूरा मामला?
रविवार, 21 अगस्त को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने कांग्रेस संचालन समिति के अध्यक्ष (Chairmanship of the Steering Committee of Congress) पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस मुद्दे पर दो ट्वीट करते हुए आनंद शर्मा ने लिखा कि, ‘मैंने हिमाचल चुनाव के लिए कांग्रेस की संचालन समिति की अध्यक्षता से भारी मन से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि मैं आप सभी को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मैं आजीवन कांग्रेसी ही रहूंगा।’
इसके बाद आनंद शर्मा ने लिखा कि, ‘मेरे खून में दौड़ने वाली कांग्रेस की विचारधारा के लिए मैं हमेशा प्रतिबद्ध हूं, इसमें कोई शक नहीं है! हालाँकि, एक स्वाभिमानी व्यक्ति के रूप में निरंतर बहिष्कार और अपमान को देखते हुए मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था।’
सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दी जानकारी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि आनंद शर्मा ने त्यागपत्र लिखते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को बताया कि उन्हें अपने आत्मसम्मान के लिए ऐसा निर्णय लेना पड़ा है।
रिपोर्ट के अनुसार अपने त्यागपत्र में आनंद शर्मा ने जानकारी दी है कि उन्हें पार्टी की बैठकों में आमंत्रित नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा पार्टी से संबंधित निर्णयों पर उनसे किसी प्रकार की कोई सलाह नहीं ली जा रही। हालांकि आनंद शर्मा ने अपने त्याग पत्र में यह स्पष्ट किया है कि वह आगामी चुनाव में पार्टी की ओर से उम्मीदवारों का प्रचार करेंगे।
हिमाचल विधानसभा चुनाव।
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में एक वरिष्ठ नेता द्वारा इस प्रकार के इल्ज़ाम लगाने से पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचता है। बीते दिनों जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने भी राज्य इकाई (Chairman of Congress Campaign Committee) पद को ठुकरा दिया था। वह भी G23 सदस्य का हिस्सा हैं।
इससे पहले G23 में रहते हुए दोनों नेताओं (Anand Sharma and Ghulam Nabi Azad) ने कई बार खुलकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की भी वकालत की है। जिसके कारण उन्हें कांग्रेस समर्थकों के गुस्से कख भी सामना करना पड़ा था।